क्षितिज पर
छाई हुई है धूल
उदास धुन की तरह
बज रही है ख़ामोशी...
साँस की तरह आ-जा रही है
वो मेरे फेफड़ों में
धड़क भी तो रहा हूँ मैं
ठीक दिल की तरह...
क्षितिज पर
छाई हुई है धूल
उदास धुन की तरह
बज रही है ख़ामोशी...
साँस की तरह आ-जा रही है
वो मेरे फेफड़ों में
धड़क भी तो रहा हूँ मैं
ठीक दिल की तरह...