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क सूं कविता / सांवर दइया
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					बाप री जिंदगी में पीड़-
         क सूं करजो
मां री आंख्यां में सुपना-
         क सूं कमाई
भायां खातर भविष्य-
         क सूं कमठाणो
म्हारै वास्तै-
         क सूं कविता !
	
	