खद्दरधारी कहें करां म्हे भोत भलाई,
देश भक्त हाँ मगर कभी खुद जावे खाई।
पेट दियो भगवान कह्यां इन तो भरस्या,
लोगों समझो बात और म्हे कांई करस्या।
खेत तणीं म्हे बाड़ ही खांवा खडा-खडा,
शिवदीन अचम्भा क्यू करो खर नेता बड़ा-बड़ा।
राम गुण गायरे।
खद्दरधारी कहें करां म्हे भोत भलाई,
देश भक्त हाँ मगर कभी खुद जावे खाई।
पेट दियो भगवान कह्यां इन तो भरस्या,
लोगों समझो बात और म्हे कांई करस्या।
खेत तणीं म्हे बाड़ ही खांवा खडा-खडा,
शिवदीन अचम्भा क्यू करो खर नेता बड़ा-बड़ा।
राम गुण गायरे।