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खरगोश / 'दिग्गज' मुरादाबादी
Kavita Kosh से
धुनी रुई के गोले जैसा
मनमोहक खरगोश,
चाहे जितना इसे छेड़िए
रहता है खामोश।
मन करता है इसे गोद में
लेकर खूब दुलारें,
अपने अलबम में रखने को
इसका चित्र उतारें।