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खरुआइल दुपहरिया / हरेश्वर राय
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					गाँवन में फटहाली देखनी 
नगरन में बदहाली देखनी, 
मेहनतकश लोगन के हाथे 
खाली खाली थाली देखनी I
बूझल चूल्हा चिसत देखनी 
पैर बेवाई रिसत देखनी, 
बड़का लोगन के सेवा में 
कइयक एँड़ी घिसत देखनी I
अरमानन के जरत देखनी 
हरिश्चंद के सरत देखनी, 
परबत जइसन दरद लेले
बाबूजी के मरत देखनी I
त्योहारन के रोवत देखनी 
बीज फूट के बोवत देखनी, 
घोड़ा बेंच के साहूकार के 
खर्राटा संग सोवत देखनी I
फूलन के मरुआइल देखनी 
शूलन के अगराइल देखनी,
अगहन पूस महीना में भी 
दुपहरी खरुआइल देखनी I
	
	