भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
खलखल इजोरिया सखि हे निरमल हे रतिया / मैथिली लोकगीत
Kavita Kosh से
मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
खलखल इजोरिया सखि हे निरमल हे रतिया
हे निरमल रतिया, यमुना तीरे
झूला झुलै छै रे सांवरिया, यमुना तीरे
कदम के डरिया सखि हे लाल रे हिड़ोलबा
हे लाल हिड़ोलबा, यमुना तीरे
सखि हे बाजलै मजुरिया, यमुना तीरे
सजि गोप-गोपिया सखिया भरि गेलै डगरिया
हे भरि गेलै डगरिया, यमुना तीरे
सखि हे उमड़लै नगरिया हे यमुना तीरे
मोहनी मुरतिया सखिया भरलै हे नगरिया
हे भरलै हे नगरिया, यमुना तीरे
शोभय सांवली हे सुरतिया हे यमुना तीरे
खलखल इजोरिया सखि हे निरमल हे रतिया