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ख़राब समय का प्रेमगीत / बैर्तोल्त ब्रेष्त / अनिल जनविजय

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हमारी सभी मुलाक़ातें
हमारी आपसी दोस्ती की
कोई गारण्टी नहीं करतीं
हालाँकि हम
एक-दूसरे के बहुत क़रीब थे ।

जब एक-दूसरे को
अपनी-अपनी बाँहों में बान्धते थे हम
उस समय भी
एक-दूसरे से बहुत दूर थे हम ।

और आज हम
बाज़ार में मिलते हैं जब —
हरी प्याज की एक गुच्छी के लिए
गुत्थम-गुत्था हो सकते हैं हम !

हालाँकि हम एक-दूसरे से
गले मिलते हैं लगातार
लेकिन हमारी ये मुलाक़ातें
हमारी दोस्ती की
कोई गारण्टी नहीं देतीं !

रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय