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ख़ामोशी / डोरिस कारेवा / तेजी ग्रोवर
Kavita Kosh से
मैं पुकारती हूँ तुम्हें
और लगता है कि
तुम मुझे ।
लेकिन मैं
सुन नहीं सकती
क्या वाक़ई ऐसा है ।
ऐसी खाइयाँ हैं
जिनके ऊपर से
कोई चिड़िया
नहीं उड़ती ।
और ख़ामोशी
किसी दीवार की तरह ।
ऐसे छायाभास
जिनसे काँप उठती है
आत्मा ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : तेजी ग्रोवर