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ख़ुदा और मैं / फ़ाज़िल हुस्नु दगलार्चा / अनिल जनविजय

वह
कवि है,
काम करता है
अपना ।

और
मैं ख़ुद
ख़ुदा हूँ
अपना ।

रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय