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ख़ूबसूरत फूलों-सा संसार / हरिवंश प्रभात

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ख़ूबसूरत फूलों-सा संसार होना चाहिए।
आदमी को आदमी से प्यार होना चाहिए।

कोई करता है बगावत, कारवाई हो ज़रूरी,
हर नियम क़ानून का भी धार होना चाहिए।

दे रहे चेतावनी मिसाइलें हर वक़्त हैं,
हर घड़ी उन ताकतों पर वार होना चाहिए।

जिन पर है आरोप शातिर, पैरवी उनकी न हो,
शख़्स पर क़ानून से प्रहार होना चाहिए।

हमले होने से हवा में, युद्ध का ही माहौल है,
जानें अब ना जाएँ, यह विचार होना चाहिए।
 
देखते भारत को हैं उम्मीद से दुनिया के देश,
सोचकर ही मसलों का उपचार होना चाहिए।

खेल तो अब ख़त्म हो खूनी लड़ाई बंद हो,
हो सके तो प्राणी का उद्धार होना चाहिए।