ख़्वाब वीरान हो गये होंगे,
ख़ाक अरमान हो गये होंगे।
शम्मा ने कब बुलाये परवाने,
आप कु़र्बान हो गये, होंगे।
हम जो बदनाम हैं, सबब क्या है?
लोग शैतान हो गये होंगे।
चलके देखें जरा फ़रिश्तों को,
अब तो इन्सान हो गये होंगे।
‘रंग’ आने लगा ज़फ़ाओं में,
वो मेहरबान हो गये होंगे।