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खानदान / गुरेश मोहन घोष

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हुनी बिनां टिकट पकड़लोॅ गेलै।
हाकिम केॅ कहलियै-
हिनी-बड़का खानदानोॅ के लोग छेकै,
छोड़ी दियै।