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खायलेॅ-खायलेॅ महादेव / श्रीस्नेही

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खायलेॅ-खायलेॅ महादेव चलऽ अलुआ के खेत,
सुरुज उगी गेलै भेलै बिहान,
हो बाबू, हम्में सब गरीब किसान!
धरलऽ छौं नादी में चोकर खल्ली दलिया!
दाना ओ कुट्टी-पानी माँड़ मखनियाँ!!
तोर्है पेॅ दुनिया के जान,
हो बाबू, हम्में सब गरीब किसान!
तोर्है पेॅ हमरऽ बाल वो बुतरुआ!!
तोर्है पेॅ ढोल-ढाक तोर्है पेॅ फगुआ!!
शान हमरऽ तोर्हे बथान,
हो बाबू, हम्में सब गरीब किसान!
घऽर ऐथैं सिंधी तेल देथौं गिरथैनियाँ!
शाकल-पनमाँ सें सजथौं बदनियाँ!!
कठा-माला देथौं भगवान,
हो बाबू, हम्में सब गरीब किसान!