न आईं रोटियाँ गुदार
गदोरियों पर
इंतजार में सो गई आग
सिर पर लिए तवा
देखते रहे हम
पेट और पीठ का मिलाप
और सामने
चाकुओं पर नाचतीं
खाली कटोरियाँ
रचनाकाल: २९-१२-१९६५
न आईं रोटियाँ गुदार
गदोरियों पर
इंतजार में सो गई आग
सिर पर लिए तवा
देखते रहे हम
पेट और पीठ का मिलाप
और सामने
चाकुओं पर नाचतीं
खाली कटोरियाँ
रचनाकाल: २९-१२-१९६५