उसकी खिड़की पर
लोहे की सलाख को
पहली बार 
लपेटा 
अँखुए ने।
ओह! बेल
यह क्या किया!
नवजात 
गंधाते
मृणाल को
तूने लपेटा सलाख से।
किसके गले में डाल दँ
ये आदिवासी बाहें!
रचनाकाल : 1967 
उसकी खिड़की पर
लोहे की सलाख को
पहली बार 
लपेटा 
अँखुए ने।
ओह! बेल
यह क्या किया!
नवजात 
गंधाते
मृणाल को
तूने लपेटा सलाख से।
किसके गले में डाल दँ
ये आदिवासी बाहें!
रचनाकाल : 1967