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खिले फूल-से दिन यौवन के / ठाकुरप्रसाद सिंह
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खिले-फूल से दिन यौवन के--
ऎसे दिन आए हैं
नए पात से
गात सुहाए
हंस सिमट
पाँवों में आए
तेरे साथ सुगंध बनों की
ले ये दिन आए हैं
खिले फूल से दिन यौवन के--