भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
खुशियाँ लेकर आना साल / राम करन
Kavita Kosh से
नई-नई कुछ बातें लाना,
पौध-पौध नव फूल लगाना।
नया-नया हो सबका हाल,
खुशियां लेकर आना साल!
ठंड-ठंड में धूप खिलाना,
आंगन द्वारे तुम मुस्काना।
खिल-खिल करते बाल गोपाल,
खुशियां लेकर आना साल!
धरती होवे फसलों वाली,
और भरी हो उनकी बाली।
बच्चा-बच्चा हो खुशहाल,
खुशियां लेकर आना साल!
गाँव-गाँव में बादल लाना,
जीव-जंतु के प्यास बुझाना।
भरो लबालब पोखर ताल,
खुशियां लेकर आना साल!