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खुशी / संगीता गुप्ता
Kavita Kosh से
मौसम की पहली बारिश
के बाद
चुपचाप
अपनी बालकनी में
खड़ी
पीती रही
धुली हरियाली
अन्दर
दूर तक फैली
बैंगनी उदासी पर
धीरे - धीरे
एक हरी चादर - सी
बिछ गयी
वह पास आ गए
अपने बेटे को
देर तक चूमती रही