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खूब तमाशा देख लिया तनैं वेश्या की यारी म्हं / मेहर सिंह

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काह्ल ढींढोरा पिट लेगा बैरण दुनियां सारी म्हं
खूब तमाशा देख लिया तनैं वेश्या की यारी म्हं।टेक

पक्की मन म्हं सोच लिए, सै जीवण की भी सांसा
थोड़ी देर और बाकी सै फेर देखेंगे लोग तमाशा
तेरे केले के से धड़ ऊपर चालैगा गंडासा
म्हारी दोनुआं की ज्यान लिकड़ज्या यो किसा बसै घरबासा
तनैं न्यूं बुझूं सूं साच बता बण्या किसा घरबारी मैं।

एक दिन सब नै जाणां कोए ना गैल किसे की चालै
परदेशां म्हं कौण हिमाती या जिन्दगी राम हवालै
निराकार की मेहर बिना कोण विपत नै टालै
बीरमती तूं अपणी करणी म्हं कति कसर मत घालै
सब आप आपणे बाजे बजा गए अपनी बारी म्हं।

इतनै मेरी तेरी जिन्दगी सै तनैं और चीज के चाहिये
इस फूटे मूंह तैं सौ बै कही थी तूं ओर किते मत जाइये
थोड़ी देर म्हं आ ल्यूंगा मनैं इसी तला पै पाइये
चोर-जार लुच्चे डाकु तैं मत ज्यादा शरमाइये
हाल्लण नै मनैं जगहां नहीं ईब कित जां हत्यारी मैं।

चोर जार की दुनियां म्हं ना कला सचाई हो सै
नकब लगे पै चोर थ्याज्या खूब पिटाई हो सै
पति नै मार कै सति होज्या इसी चीज लुगाई हो सै
मेहर सिंह कहै इन बीरां की उल्टी राही हो सै
यही नतीजा मिलता पाछै चोरी और जारी में।