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खूब सताता पर मेरा हमसाया है / रंजना वर्मा

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खूब सताता पर मेरा हमसाया है ।
मेरे जीवन पर उसकी ही छाया है।।

सपने आंखों में रंगीन सजे देखो
होली के दिन उसने मुझे बुलाया है।।

हम पहले ही हुए निगाहों के क़ायल
अब नज़रों ने पैमाना छलकाया है।।

होली के रंगों में रँग कर डोलेगी
इसी सोच ने दिल मेरा धड़काया है।।

शर्मीली आंखों में भंग तरंग जगे
इसी तसव्वुर में तो मन मुस्कुराया है।।

बरस गया तब मीत बना फागुन आया
प्रिय के आने का संदेशा लाया है।।

धूम मचाओ नाचो गाओ होली में
वैर भुलाकर मिलने का दिन आया है।।