खेत सब जानते हैं / गौरव पाण्डेय
किसके घर है दो वक्त की रोटी
कौन एक जून पानी पीकर काटता है
किसके यहाँ पकते हैं व्यजंनों के प्रकार
और कौन पेट से घुटने सटाकर सोता है
खेत जानते हैं
किसान के घर कितनी औरतें हैं
कितने हैं बूढ़े और कितने बच्चे
जवान लड़कियाँ कितनी हैं
खेत जानते हैं
गाँव के सारे शोहदों को
खेत भली-भाँति पहचानते हैं
खेत जानते रहते हैं
किस कंधे पर कितना कर्ज है
किसकी मेहरारू को कौन सा मर्ज है
किसकी बिटिया कब ब्याही जाने वाली है
हाड़-तोड़ मेहनत के बावजूद बखारी क्यों खाली है ?
बहुत मजबूरी में खेत विदा लेते हैं किसान से
कुछ कर्ज के लिए तो कुछ मर्ज के लिए
तो कुछ फर्ज के लिए
मसलन बिटिया की विदाई के पहले
विदा ले लेते है किसान के सबसे अच्छे खेत
इस तरह किसान का बचपन यौवन ज़रा
उसने की है आत्महत्या
अथवा कैसे मरा
खेत जानते हैं !
जी हाँ ! ज्यादा सोचिए मत हमारी ही नहीं
आपकी पीढ़ियों का भी इतिहास
खेत भली-भांति जानते है!