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खेल / रजनी अनुरागी
Kavita Kosh से
औरत जानती है
कि खेल में हारेगी वही
कि खेल के सारे नियम
पुरुष के पक्ष में हैं
फिर भी खेलती है खेल
ये सोचकर कि देखें
खेलने में क्या मजा है
खेलकर ही उसे पत चलता है
खेलने में क्या मजा है ?
खेलने की क्या सज़ा है?