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खोजता रहता है आकाश / नंदकिशोर आचार्य
Kavita Kosh से
एक आकाश
साथ ले आती है अपने
उड़ान
आ ठहरती है
किसी शाख़ पर जब
तिनका-तिनका बुनती
अपनी धरती
हर आकाश खोजता रहता है
जिस को
दुनिया में उस की
खो जाने के लिए ।
—
25 जुलाई 2009