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खोया हुआ कुछ / अंशु हर्ष
Kavita Kosh से
आँखों में जो गहराई तलाशते हो
वो अब यहाँ नहीं रहती
चेहरे की जिस मासूमियत की चाहत रखते हो
वो अब यहाँ नहीं रहती
जिन होठों पर शब्द हो मोहब्बत भरे
वो प्यार की गहराई
अब यहाँ नहीं रहती
जिसके बिखरते शब्द भी वही कहते है
जो दिल में नज़र आता है
वो खूबसूरत अनुभूति
अब यहाँ नहीं रहती
मत तलाश करों इस दुनियाँ में
अब सरलता की
वो खूबसूरत सादगी
अब इस दुनियाँ में नहीं रहती।