गँगा रे अरार कवन बरूआ करे असनान / मगही
गँगा रे अरार<ref>तट का ऊँचा भाग, कगार</ref> कवन बरूआ<ref>कुँवारा, उपनयन योग्य बालक</ref> करे असनान।
करे असननियाँ रे बरूआ, निरखे<ref>देखता है</ref> आठो अँग<ref>आठों अँग = पैर, घुटना, कमर, छाती, ठुड्डी, नाक, मस्तक और हाथ। किन्तु यहाँ आठो अँग में जाँघ, कमर, छाती, बगल, कंधा, कान, माथ और हाथ समझना चाहिए।</ref>॥1॥
बिनु हो जनेउआ हो बाबा, ना सोभे कान।
अप्पन जनेउआ हो बाबा हमरा के दऽ॥2॥
हमरो जनेउआ हो बरूआ, भे गेल<ref>हो गया</ref> पुरान।
तोहरो जनेउआ हो बरूआ, देबो बजना<ref>बाजे, वाद्यवृन्द</ref> बजाए॥3॥
गँगा के अरार कवन बरूआ करे असनान।
करे असननियाँ रे बरूआ, निरखे आठो अँग॥4॥
बिनु हो जनेउआ हो चाचा, ना सोभे कान।
अप्पन जनेउआ हो चाचा, हमरा के दऽ॥5॥
हमरो जनेउआ हो बरूआ, भे गेल पुरान।
तोहरो जनेउआ हो बरूआ, देबो बजना बजाए॥6॥