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गंगा नीर जणो सोभा पा रिहा / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
गंगा नीर जणो सोभा पा रिहा,
सोने के कलसे में।
मैं बी तेरे संग चलूंगी,
गांधी के जलसे में