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गजल सन सजल मधुर भाव प्रियतम / भास्करानन्द झा भास्कर
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गजल सन सजल मधुर भाव प्रियतम
गगन सन हॄदय जीवन नाव प्रियतम
बतहा मनमे उड़ल आब प्रेमक बसंती
देह नेहक लगल हमर दाव प्रियतम
सुख दुखक आनन्द गजबे बनल संग
अह्लादक मलहम लगल घाव प्रियतम
शीत उष्माक उपमा हीय उपमान हमर
श्लेष शेषक काल हमर ताव प्रियतम
कोमल उरोजक मध्य चहकैत सुरुज
सदिखन प्रकाशित जीवन गाव प्रियतम