गणतंत्र दिवस-२०१३ क अवसर पर / जगदीश प्रसाद मण्डल
अजादीक उमंग उमकि
घाटे-बाट छिछिया गेलौं।
सत्-समुद्र पहाड़ बीच
पगे-पग बौआ गेलौं।
भाय यौ, घाटे-बाट...।
तल मोड़ि तम पताल
छुबूधि भऽ छुछिया गेलौं।
अजादीक उत्साह उमंग पाबि
दिन-राति बौआ गेलौं।
भाय यौ, घाटे-बाट...।
प्रशान्त-शान्त लाल-कारी
जोर पकड़ि डिरिया गेलौं।
डिरियाइत पताल-अकासमे
डोह डाबर झाड़ कहेलौं।
अजादीक उत्साह उमकि
घाटे-बाट बौआ गेलौं।
भाय यौ, घाटे-बाट...।
बोन-बोनैया गीत गाबि
बनि शिकारी वीन बजेलौं।
मोड़ि मनुआ तोड़ि जिनगी
दिने-देखार बहकि गेलौं।
बाटे-घाट भोतिया गेलौं
भाय यौ, घाटे-बाट...।
ठाढ़े-ठाढ़ ठिठु ठिठुरि
रौद पाबि लू-लुआ गेलौं।
बनि बरखा बरसाती बनि
तरे-ऊपरे दहा गेलौं।
अजादीक उमंग उमकि
घाटे-बाट बौआ गेलौं।
भाय यौ, घाटे-बाट...।