भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

गणेश जी निमंत्रण के गीत / 4 / राजस्थानी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

छोटो-सो बिंदायक रग-मग चालै, पांच लाडू खाबा न,
एक लाडू देवो बिंदायक, लाड़ला-रा बाबा न
दादा जी वाकां लाड़ लड़ावा, दादियां मंगल गाबा न
बाबा जी वांको ब्याह रचावे, मायां मंगल गाबा न।
छोटो-सो बिंदायक रग-मग चालै, पांच लाडू खाबा न,
एक लाडू देवो बिंदायक लाड़ला-रा बाबा न।
दादाजी वांको लाड़ लड़ावा, दादियां मंगल गाबा न।
चाचा जी जान चढ़ावै, चाचियां मंगल गाबा न।
जीजाजी वांकी जान सजावे, बहना मंगल गाबा न।
मामा जी वान भात पहनावे, मामियां मंगल गाबा न।
छोटो-सो बिंदायक रग-मग चालै पांच लाडू खाबा न।