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गरब करे सोई हारे / बुन्देली
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♦ रचनाकार: अज्ञात
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गरब करे सोई हारे,
हरि सो गरब करे सोई हारे।
गरब करो रतनागर सागर,
जल खारो कर डारे। हरि...
गरब करे लंकापति रावण,
टूक-टूक कर डारे। हरि...
गरब करे चकवा-चकवी ने,
रैन बिछोहा डारे। हरि...
इन्द्र कोप कियो ब्रज के ऊपर,
नख पर गिरवर धारे। हरि...
मीरा के प्रभु गिरधर नागर,
जीवन प्राण हमारे। हरि...