गरीब नवाज कहो जिसने वो मनै लागै से पुंजी दास / जयसिंह
गरीब नवाज कहो जिसने वो मनै लागै से पुंजी दास
दैवी शक्ति भाग छोड़ मेहनत संगठन मै लाल्यों आस
दिन और रात कमावैं फिर भी पूरा कोन्यां पटता
कमर तोड़ मेहनत कर लैं भी सांटा कोन्यां सटता
गोड़्यां टोटा चल रहा फिर भी 24 घण्टे रटता
जो भूल बिसर कै याद करै नै धन बढ़ रहा सै नां बटता
रहे लूट कमेरे तन्नै लूटेरे थारा राम कदे नां काढै सांस
तीन जगह धन पैदा हो सै जमीन खान कारखाने मैं
तीनों पै कब्जा इनका हम बिक रहे दो-दो आने मैं
म्हारा कब्जा चहिये इस धन पै सही मायने मैं
तम राम के घर मैं कहो बराबर या मच रही लूट जमाने मैं
मेहनतकश नै लूटण खातर क्यूं दे राख्या खुल्ला पास
जो सब कुछ पैदा करता वो सिर पै तन्नै भी धर र्या सै
कुछ यें लूटैं कुछ बोझ तेरा न्यूएं भ्रमता फिर र्या सै
रोटी कपड़े दवा बिना इक तड़प-तड़प मर र्या सै
हक मांगैं तै गोळी मिलती तूं न्याय इसा कर र्या सै
इस माणस खाणी राज सत्ता मैं तेरा कती हो लिया पर्दाफास
माणस की या बणी व्यवस्था इमै राम कड़ै बड़ रहा सै
माणस लूट करैं माणस की बता करम कड़ै अड़ रहा सै
राज सत्ता पै कब्जा जिसका वो आगै बढ रहा सै
मानव अधिकार खत्म कर राखे न्यूं ‘जयसिंह‘ लड़ रहा सै
संगठन बिन उद्धार नहीं छोड़ दियो सब झूठी आस