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गर्भपात / नीना सिल्‍वर / प्रेमचन्द गांधी

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अच्‍छा लड़की अलविदा
अड़तीस बरस बाद आखिर अलविदा
इन बीते अड़तीस बरसों में
तुम कभी नहीं आई मेरे लिए
परेशानियों के बिना
अपनी शानदार लाल पोशाक में
कहीं भी किसी भी तरह

अब आखिर यह विदाई हो चुकी है
मैं उस दादी मां की तरह महसूस कर रही हूं जो
बदचलन कहे जाने के दिन गुज़र जाने के बाद
हाथों मे अपनी तस्‍वीर लिये बैठी है
और आहें भर रही है कि क्‍या वह
सुंदर नहीं थी...
क्‍या वह खूबसूरत नहीं थी...