भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

गर्मी ऐलै / मुकेश कुमार यादव

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

गर्मी ऐलै, गर्मी ऐलै।
सर्दी दूर भगैले ऐलै।
सूरज के भड़कैले ऐलै।
धूप के कड़कैले ऐलै।
गर्मी ऐलै, गर्मी ऐलै।
गरम हवा बहैले ऐलै।
घास-पात झरकैले ऐलै।
डांढ़-खाद सुखैले ऐलै।
गर्मी ऐलै, गर्मी ऐलै।
फूल-कली मुरझैले ऐलै।
गरदा-धूल उड़ैले ऐलै।
पानी प्यास बढ़ैले ऐलै।
गर्मी ऐलै, गर्मी ऐलै।
खीरा-ककड़ी-आम ऐलै।
जामुन-कटहल तमाम ऐलै।
बेल-बड़हर काम ऐलै।
गर्मी ऐलै, गर्मी ऐलै।
गर्मी छुट्टी भेलै।
बच्चा घर में खेलै।
उछल-कूद-धमाल-चौकड़ी।
नींद हराम भेलै।
गर्मी ऐलै, गर्मी ऐलै।