Last modified on 15 दिसम्बर 2019, at 17:15

गर्म- चाय सी / कविता भट्ट

1
गर्म- चाय सी
मनभावन चुस्की
प्रीत तुम्हारी
2
सर्दी- सा दुःख
दो घूँट जिंदगी की
चाय है; चखो।
3
सर्द न होना
चाय की प्याली जैसे
अधर धरो।
4
मैं चाय- प्याली
तू प्लेट हलुए की
जीवन बर्फ।
5
सर्द हैं रातें
चाय की प्याली बन
मिठास घोलो।
-0-