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गर्म दिन / बैर्तोल्त ब्रेष्त / उज्ज्वल भट्टाचार्य
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गर्म दिन ।
घुटनों पर कापी रखी हुई
बैठा हुआ मैं अहाते में ।
एक हरी नाव
मैदान के पीछे जाती हुई दिखती।
एक छोर पर
मोटी सी धर्मयाजिका, भारी सा पहनावा।
उसके सामने
एक बुजुर्ग तैराकी के सूट में, शायद पादरी ।
डाँड पर पूरे ज़ोर से चप्पू चलाता
एक बच्चा ।
पुराने दिनों की तरह! सोचता हूँ मैं
पुराने दिनों की तरह !
1953
मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य