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गर बीमार पड़ो तो हो जाना चाहिए नीमपाग़ल
और करनी चाहिए सबसे फिर से मुलाकात।
हवा और धूप से भरपूर
सागर तट की बगीची की चौड़ी पगडंडियों पर
करनी चाहिए बेमकसद घुमक्कड़ी।
आज के दिन
मृतात्मायें भी आने को हैं सहर्ष तैयार
और मेरे घर वास करना चाहता है निर्वासन भी।
किसी खोए बच्चे की उँगली थाम
इधर-उधर डोलने का मन कर रहा है आज के दिन।
मृत मनुष्यों के साथ चखूँगी मैं नीले द्राक्ष
पीऊँगी बर्फानी शराब।
और अपने कड़ियल बिस्तरे पर
गिर रहे जलप्रपात को
निहारती रहूँगी खूब देर तलक।
अंग्रेज़ी से अनुवाद : सिद्धेश्वर सिंह