ग़मों की रहबरी करनी पड़ेगी
खुशी की चौकसी करनी पड़ेगी।
करोगे मुझसे यारो दोस्ती तो
किसी से दुश्मनी करनी पड़ेगी।
ज़माने को जो पढ़ना चाहते हैं
उन्हें आवारगी करनी पड़ेगी।
यक़ीनन कल हमारा होगा लेकिन
अभी फ़ाक़ाकशी करनी पड़ेगी।
हवन के सुख से जिस दिन भी जलोगे
दुखों की आरती करनी पड़ेगी।
नहीं समझोगे साज़िश क़ातिलों की
तो तुमको खुदकुशी करनी पड़ेगी।
चलो अब अपना-अपना घर जला दें
इसी से रौशनी करनी पड़ेगी।
दुआ सबसे बड़ी गर चाहते हो
तो दिल की बन्दगी करनी पड़ेगी।