ग़ैब होगा सुराग़ भी होगा / रवि सिन्हा
ग़ैब<ref>रहस्य, आस्मान (mystery, cosmos)</ref> होगा सुराग़ भी होगा
दिल भी होगा दिमाग़ भी होगा
हुक्मे-आसेब<ref> प्रेत या शैतान का आदेश (order of the demon)</ref> के अँधेरे में
कोई ज़िद्दी चिराग़ भी होगा
देखना जीतकर वो आये हैं
उनके दामन पे दाग़ भी होगा
जल गया दिल कुरेद कर देखो
तिश्नगी<ref>प्यास, अभिलाषा (thirst, desire)</ref> है फ़राग़<ref>संतोष (freedom from care and worries)</ref> भी होगा
ख़ुल्दे<ref>स्वर्ग (paradise)</ref>-ग़ालिब तो ख़ल्क़े<ref>लोग, सृष्टि (people, creation)</ref>-फ़ैज़ो-फ़िराक़
मीर ख़ुसरो का बाग़ भी होगा
क़त्ल के बाद आँख तर होगी
हाथ ख़ाली अयाग़<ref>प्याला, चषक (wine glass)</ref> भी होगा
ज़ौक़<ref>रसास्वाद, मज़ा (taste)</ref> अपना सँभाल कर रखिये
संग बुलबुल के ज़ाग़<ref>कौआ (crow)</ref> भी होगा