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ग़ैर आह सर्द नहीं दाग़ों के जाने का इलाज / वली 'उज़लत'
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ग़ैर आह सर्द नहीं दाग़ों के जाने का इलाज
जुज़ सबा क्या है चराग़ों के बुझाने का इलाज
दिल-शिकस्तों की दवा ग़ैर अज़ गुदाज़-ए-इश्क़ नहीं
है गलाना टूटे शीशों के बनाने का इलाज
जौर से नादिम हो लब का काटना क़ातिल का है
दिल के ज़ख़्मों को मेरे बख़िया दिलाने का इलाज