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गाँव के किनारे प्राइमरी स्कूल की परती पर / रमेश पाण्डेय

गाँव के प्राइमरी स्कूल की परती पर

इतवार के दिन

उन्मुक्त खेलते लड़कों से पता पूछता हूँ


लड़के इकट्ठे हो जाते हैं

अनजाने भाव चेहरों पर

पानी की तरह बरसते हैं


लड़के नाम दुहराते हैं...


नाम का जाप प्रारम्भ है

लड़के नाम नहीं जानते


नाम का अर्थ नहीं जानते

नहीं जानते हैं बद्ध को

और बुद्ध का धम्म