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गाँव में अकाल / ओम पुरोहित ‘कागद’

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गांव में अकाल है
और
मंगतू की गाय
शहर की गौशाला में
चरती है अनुदान का चारा
जिसके बदले
देती है दूध
बटोरती है गौशाला के लिए
धन बहुत सारा ।

उधर गांव में
मंगतू का बेटा
धीरे-धीरे
दूध के मायने
भूलता जा रहा है ।