भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

गाँव / मधुप मोहता

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

एक अँधेरा, एक ख़ामोशी, और तनहाई,
रात के तीन पाँव होते हैं।
ज़िन्दगी की सुबह के चेहरे पर,
रास्ते धूप छाँव होते हैं।

ज़िन्दगी के घने बियाबाँ में,
प्यार के कुछ पड़ाव होते हैं।
अजनबी शहरों में, अजनबी लोगों के बीच,
दोस्तों के भी गाँव होते हैं।