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गांधी क देस में / विनय राय ‘बबुरंग’
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केतना अनर्थ होत बा गांधी क देस में।
अजुवो बा कंस जीयत आंधी क भेस में।।
हर मोड़ पर गली-गली बन्दूक बा तनल
हर रोज जान जात बा गांधी क देस में।।
बेटा हरन भइल त लौटल ना आजु ले
अइसन मचल आतंक बा गांधी क देस मंे।।
जहवां सदन में हिंसा बा नीति बन गइल
ऊ देस प्रेम का करी गांधी के देस में।।
मुलजिम फंसा के नाहक भऽरत बा जेल में
कातिल आजाद बा घुमत गांधी क देस मे।।
कहवां गइल अलगू आ जुम्मन क जमाना
इंसाफ कहां होति बा गांधी क देसा में।।
कइसे जियब खुसी-खुसी सौ बरीस तक
अइसन जमाना आ गइल गांधी क देस में।।