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गाड़ी नहीं चलती बाधा जब चलती है / हेमन्त शेष

गाड़ी नहीं चलती जब बाधा चलती है
जीवन के बारे में कहती मेरी नानी
मैं हिलाता स्वीकॄति की शक्ल में सिर
और सुनता सेहत बनाने के गुर
क्या बनता, क्या बिगड़ता अगर मैं
आस-पड़ोस की नज़रों में 'सामान्य' होता
तब क्या मैं 'मैं' होता या उनकी 'अपेक्षा'
बाधा चल रही है गाड़ी नहीं
मैं कहता ठीक से रहे विश्व
और स्वीकृति हिलाता सिर की शक्ल में
नानी की ख़ुशी के लिए
केवल