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गायन-पाठ-2 / विचिस्लाव कुप्रियानफ़
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पक्षी गा रहे हैं
हम लोगों से डरते हैं
और हम गाते हैं
डर के मारे
मछलियाँ गा रही हैं
हम लोगों से डरती हैं
और हम चुप हैं
डर के मारे
जानवर गा रहे हैं
हम लोगों से डरते हैं
और हम गुर्रा रहे हैं
डर के मारे
लोग गा रहे हैं
हम जानवर नहीं हैं
डरिए नहीं
पर भाग गए सब
उड़ गए इधर-उधर
तैर गए इधर-उधर
डर के मारे
और लोग गा रहे हैं