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गा रे गा / भारत यायावर
Kavita Kosh से
गा रे गा
जीवन के सुर में
सुर मिला
गा रे गा
भाग मत भाग
अपने ही अन्दर जाग
मगर जाग
साथ तेरे साथ
अगर नहीं आग
तलाश
पानी ही तलाश
बेहोश मत हो
अपने को मत खो
जो हो
सार्थक हो
आ रे आ
इस जीवन पथ पर आ
अपनी अभिलाषाओं को
पूरित करने का
बल पा
आज़ादी का सूर्य
कंधे पर बिठा
पा रे पा
सब कुछ पा
इसी राह पर आ