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गा / दीनदयाल शर्मा

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पीण नै
दूध-छा
खाण नै
दही - घी- मक्खण
बाळन-लीपण नै
गोबर
अर खेत सारू
खात देवै ।

मिनख
इण रा
हाड-चाम भी
काम लेवै ।

मिनखां सारू
आपरौ
आ' कण-कण
अरपित करद्यै
आ' गा है
कै
आ' मा है ।