गिरि-परबतवा से हे सुग्गा एक री अइले / भोजपुरी
गिरि-परबतवा से हे सुग्गा एक री अइले, सुग्गा एक री अइले,
कि हो रे, बइठी गइले हो, आहे हो, सुग्गा अमवा के री डरिया।।१।।
अमवा त खइले सुग्गा हे, केसरी रे गिरवले,
कि हो री, एक डीठ आहे हो सुग्गा, मैना रे निरखले।।२।।
गोर तोहे लागिले लहुरा देवरवा, लहुरा देवरवा,
कि हो रे, सुगना के जनवाँ हो देवरा तूहूँ बलु रे मरत।।३।।
केथी कर गुरतान हे, केथी कर फतिया, केथी कर फतिया,
कि हो रे, कवन चरित री भउजी, इहो दूनू री मोलिया।।४।।
सोने कर गुरतान हो, रुपे लागल री फतिया, रुपे लागल री फतिया,
कि हो रे, रतना चरित हो देवर, इहो दूनू रे मोलिया।।५।।
सुगवा त मरबों भउजी, भुइंअवाँ री गिरइबों, भुइंअवाँ री गिरइबों,
कि हो रे, सुगना के पापवारी भउजी, केही बलु रे हरिहें।।६।।
सुगवा त मरब देवरा हे, भुइंअवाँ री गिरइब, भुइंअवाँ री गिरइब,
कि हो रे, सुगना के पापवा हो देवरा, हामे बलु हो हरइबों।।७।।