भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

गीत अधूरा रह जायेगा / कमलेश द्विवेदी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अभी छोड़कर साथ न जाओ गीत अधूरा रह जायेगा।
अभी पड़ी है रात न जाओ गीत अधूरा रह जायेगा।

कुछ सपने ही दिखे अभी तक
कितने अभी और दिखने है।
अभी गीत का प्रथम चरण है
कितने अभी और लिखने हैं।
अभी हुई शुरुआत न जाओ गीत अधूरा रह जायेगा।
अभी छोड़कर साथ न जाओ गीत अधूरा रह जायेगा।

आज मिला जो अवसर मुझको
पता नहीं कब मिले दुबारा।
आज खिला जो फूल हृदय में
पता नहीं कब खिले दुबारा।
देकर यों आघात न जाओ गीत अधूरा रह जायेगा।
अभी छोड़कर साथ न जाओ गीत अधूरा रह जायेगा।

आधे रस्ते में मत छोड़ो
तुमको यह अधिकार नहीं है।
कहना है तो सीधे कह दो-
तुमको मुझसे प्यार नहीं है।
मानो मेरी बात न जाओ गीत अधूरा रह जायेगा।
अभी छोड़कर साथ न जाओ गीत अधूरा रह जायेगा।