भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
गीत बुने हैं हमने / सीमा अग्रवाल
Kavita Kosh से
हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।
बारिश के धागों से
गीत बुने हैं हमने
नम तो होंगे ही
साँसों की बढ़ती
झुंझलाहट को जाँचा
थकी थकी पैड़ी की
आहट को बाँचा
बूँदों के मटकों पर
सूत मथे जीवन के
भीगे से सीले से
भ्रम तो होंगे ही
लहर लहर खंगाली
धारों को फटका
रेतीली चादर का
तार तार झटका
पल पल को भटकाया
है उजड़े द्वीपों पर
शब्दों में गीले
मौसम तो होंगे ही